Aasam cm himanta biswa sarma announcement to strictly implement immigrants act 1950 know documents to show prove citizenship

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा राज्य में घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और कहा जा रहा है कि मुसलमानों को निशाना बना रही है. इस कार्रवाई को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. हाल के दिनों में असम सरकार ने राज्य के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से में मई मे लगभग 50 लोगों को नो मैंस लैंड में धकेल दिया था. जिसके बाद उनके परिवार ने गुहार लगाई और सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में याचिका दर्ज करके इस पर रोक लगाने की मांग की थी.
किस नियम के तहत भगाए जा रहे घुसपैठिए
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने साफ तौर पर कहा है कि राज्य से अवैध विदेशियों की पहचान करके उनको बाहर निकालने के लिए अप्रवासी अधिनियम 1950 को सख्ती से लागू किया जाएगा. यह कानून डिस्ट्रिक्ट कमिशनर्स को आदेश देता है कि वे अवैध विदेशियों को अवैध घोषित करें और उनको देश से बाहर निकालें. चलिए जानें कि इसके लिए उन लोगों को कौन से दस्तावेज दिखाने होंगे.
ये कागज दिखाने होंगे
भारत के संविधान का भाग II, अनुच्छेद 5-11 नागरिकता से संबंधित है और यह 1955 के नागरिकता अधिनियम के अंतर्गत आता है. नागरिकता उस व्यक्ति और राज्य के बीच के संबंध को दर्शाती है. भारत सरकार अपने नागरिकों के लिए कई तरह के दस्तावेज जारी करती है, जो कि नागरिकता साबित करने के लिए काम आ सकते हैं. ये दस्तावेज हैं आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, भारतीय पासपोर्ट, निवास प्रमाण पत्र, माता-पिता का पासपोर्ट (अगर उपलब्ध हो) इसके अलावा अन्य दस्तावेज जैसे पेंशन, पीएफओ या फिर कर्मचारी राज्य बीमा निगम से जुड़े दस्तावेज नागरिकता के प्रमाण हैं. लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि आधार कार्ड और पैन कार्ड नागरिकता के लिए वैध प्रमाण पत्र नहीं हैं.
कौन से दस्तावेज हैं अमान्य
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019, CAA के तहत आवेदन करने के लिए कुछ खास दस्तावेजों की जरूरत होती है जैसे कि पासपोर्ट या फिर जन्म प्रमाण पत्र. अगर आपको नागरिकता के लिए आवेदन करना हो और आपके पास जरूरी प्रमाणपत्र नहीं हैं तो आप ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकते हैं. मतलब कि नागरिकता साबित करने के लिए जितने जरूरी कागजात हैं, वो सब दिखाने पड़ेंगे.
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