Un demographic report india Population to reach 1 billion became equal to total population of 20 Muslim countries pakistan bangladesh

संयुक्त राष्ट्र ने एक नई जनसांख्यिकी रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि देश की कुल प्रजनन दर प्रतिस्थापन दर से नीचे आ चुकी है. यानि कि देश में जितने लोग मर रहे हैं, उतने पैदा नहीं हो रहे हैं. इस रिपोर्ट में यब भी बताया गया है कि वित्तीय सीमाएं भारत में प्रजनन दर में स्वतंत्रता में एक बड़ी बाधा का काम कर रही हैं. विश्व जनसंख्या स्थिति (SWOP) की 2025 की रिपोर्ट की मानें तो लाखों लोग अपने वास्तविक प्रजनन दर के लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं, लेकिन फिर भी देश की जनसंख्या तेजी से कैसे बढ़ रही है और अब तक यह कितनी हो गई है.
कितनी है भारत की आबादी
पूरे दुनिया में भारत सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है, लेकिन वक्त के साथ-साथ देश में प्रजनन दर गिरती जा रही है. एक वक्त था जब हमारे देश में एक कपल के 5-6 बच्चे होना आम बात थी. लेकिन आज के समय में एक या दो बच्चों का ट्रेंड ही देखने को मिल रहा है. एक तरफ जहां यूएन की रिपोर्ट का दावा है कि साल 2025 में भारत की जनसंख्या 1.46 बिलियन तक पहुंच सकती है. साल 1970 में एक महिला 5 बच्चों को जन्म देती थी, लेकिन राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2019-21) के अनुसार पिछले कुछ सालों में इस दर में गिरावट दर्ज की गई है. अब भारत में कुल प्रजनन दर वर्तमान में प्रति महिला 2.0 बच्चे है. यानि अब महिलाएं सिर्फ दो बच्चों को ही जन्म दे रही हैं.
मुस्लिम देशों की जनसंख्या
मुस्लिम देशों की आबादी की बात करें तो इस वक्त पाकिस्तान की आबादी 207,774,520 है, जिसमें पीओके का क्षेत्र शामिल नहीं है. वहीं बांग्लादेश की आबादी 17 करोड़ 30 लाख है. साल 2023 के अनुसार इंडोनेशिया की कुल आबादी 28.12 करोड़ है. अफगानिस्तान की कुल आबादी लगभग 38.2 मिलियन है. वहीं ईरान की वर्तमान जनसंख्या लगभग 92.34 मिलियन, इराक की 4.61 करोड़, मलेशिया की 35.98 मिलियन और सऊदी अरब की जनसंख्या वर्तमान में 38,728,569 करोड़ है.
क्यों घट रही जनसंख्या
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट की मानें तो भारत में कुल प्रजनन दर घट गई है, जो कि भविष्य के लिए खतरनाक है. भारत की महिलाएं एक पीढ़ी से दूसरी पीढी की आबादी को बनाए रखने के लिए कम बच्चों को जन्म दे रही हैं. इस रिपोर्ट में कम बच्चों को जन्म देने के पीछे कई कारण हैं जैसे कि नौकरी की असुरक्षा, आवास की कमी, भरोसेमंद देखभाल इन सब चीजों को माता-पिता बनने से रोक रहा है.
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