क्या भारत की तरह पाकिस्तान में भी होते हैं हिंदु-मुस्लिम दंगे, सबसे बड़ा दंगा कौन-सा?

<p style="text-align: justify;">भारत और पाकिस्तान दुनिया के दो ऐसे देश हैं जहां हिंदू और मुस्लिम आबादी बड़ी संख्या में रहती है. इसकी वजह यह है कि कभी दोनों देश एक ही हुआ करते थे. 1947 में मिली आजादी के बाद धर्म के नाम पर भारत के दो टुकड़े कर दिए गए और पाकिस्तान अस्तित्व में आया. इसी के साथ इन दोनों मुल्कों के साथ सांप्रदायिक दंगों का इतिहास भी जुड़ गया. </p>
<p style="text-align: justify;">भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय हिंदू-मुस्लिम दंगे हुए, जिसमें दोनों ओर बहुत से लोगों की मौत हो गई और महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया. समय के साथ दोनों मुल्कों ने तरक्की की, लेकिन हिंदू-मुस्लिम के बीच खड़ी हुई दीवार कभी खत्म नहीं हुई. भारत ने हिंदू-मुस्लिम के बीच खाईं को खत्म करने के लिए कानून में कई बदलाव किए. अल्पसंख्यकों को उनका अधिकार दिलाने के लिए कानूनी मदद दी गई, जिससे उनकी स्थिति में काफी बदलाव आया. इसके बावजूद भारत में समय-समय पर हिंदू-मुस्लिम के बीच दंगे भड़कते रहे. वहीं, पाकिस्तान में तो इससे भी बुरा हाल है, यहां अल्पसंख्यक हिंदू आबादी के खिलाफ कई अत्याचार हुए, जिससे उनकी जनसंख्या भी कम होती गई. ऐसे में चलिए जानते हैं कि पाकिस्तान में हिंदू-मुस्लिम दंगों का इतिहास क्या है और यहां का सबसे बड़ा दंगा कौन कब हुआ था. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पाकिस्तान में हिंदू-मुस्लिम दंगे</strong></p>
<p style="text-align: justify;">भारत से अलग होने के बाद से ही पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ कई अत्याचार हुए. यहां हिंदुओं के मंदिरों को तोड़ा ही गया, बल्कि उनके अधिकार भी सीमित कर दिए गए. इसका नतीजा यह हुआ कि कई बार यहां हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़के. पाकिस्तान की स्थापना के बाद मुल्क की राजधानी रहे लाहौर में हिंदू-मुस्लिम दंगे हुए थे, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे. एपी की रिपोर्ट के हवाले से प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान में सिर्फ दो दिनों में 127 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हुए थे. इसके बाद 1986 में भी कराची में बड़े स्तर पर दंगे हुए थे, जिसमें 130 लोग मारे गए थे. इस दौरान सार्वजनिक परिवहन, दुकानें, सरकारी इमारतें तक जला दी गई थीं. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पाकिस्तान का सबसे बड़ा दंगा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पाकिस्तान में कई बार ऐसे दंगे भी हुए, जिसमें मौतों का आंकड़ा हजार के पार पहुंच गया. University of central Arkansas की एक रिपोर्ट के अनुसार, जनरल अयूब खान के राष्ट्रपति बनने के बाद 1960-61 में जातीय हिंसा में करीब 1000 लोग मारे गए थे. इसके बाद पाकिस्तान का नया संविधान बनने के बाद भी यहां बड़े स्तर पर दंगे हुए, जिसमें 1500 से ज्यादा लोग मारे गए थे. </p>
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