Covid-19 cases in india effect of coronavirus vaccine and booster dose how many years Antibodies

Corona vaccine : दुनिया के कई देशों के साथ भारत में कोरोना संक्रमण मामले लगातार बढ़ रहे हैं. फिलहाल भारत देश में कोरोना के मामलों की संख्या 1000 के पार जा चुकी है. देश में कोरोना के सबसे ज्यादा केस केरल में (430) पाए गए हैं और महाराष्ट्र में 209 मामले पाए गए हैं. वहीं दिल्ली में अभी तक 104 एक्टिव केस पाए गए हैं. ये मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान 24 मरीज ठीक भी हुए हैं. बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने सावधानियां बरतने के लिए निर्देश दिए हैं. ऐसी स्थिति में लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोरोना वैक्सीन और बूस्टर डोज का असर अभी भी शरीर में है और ये कब तक रहेगा.
भारत में मिले नए वेरिएंट
देश में अभी जो कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं, उनमें कोविड के ओमिक्रोन वेरिएंट के सब वेरिएंट शामिल हैं. उनके सब वेरिएंट JN.1 और LF.7 सामने आ रहे हैं. इसमें ज्यादातर मामले JN.1 के हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि लोग पैनिक न हों, ये सब वेरिएंट इतने खतरनाक नहीं हैं और साथ ही साथ अफवाहों से बचें. अपनी सुरक्षा बनाए रखने के लिए लोगों को सावधानियां बरतनी जरूरी हैं.
क्या खत्म हो गया है कोरोना वैक्सीन और बूस्टर डोज का असर?
भारत में कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन और बूस्टर डोज फिर से चर्चा में आ गए हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए अभी न तो कोरोना वैक्सीन और न ही बूस्टर डोज की जरूरत है. कोरोना वैक्सीन जीवनभर वायरस से इम्यूनिटी का दावा नहीं करती है. कुछ सालों में इसका असर कम होने लगता है. शरीर में बनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को दोबारा मजबूत करने के लिए बूस्टर डोज लगवाना बहुत जरूरी है. जिससे आपका शरीर कोरोना से लड़ने के लिए तैयार रहे और आपको बीमारी के खिलाफ बेहतर सुरक्षा मिल सके.
भारत में जो वैक्सीन और बूस्टर डोज लग चुकी है, वो इस वैरिएंट से लड़ने के लिए काफी उपयोगी साबित होगी. विशेषज्ञों के अनुसार वैक्सीनेटेड लोगों को भी हल्के रूप से संक्रमित कर सकता है. पिछली वैक्सीनेशन से मिली इम्यूनिटी समय के साथ कम हो रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुजुर्गों को बूस्टर डोज लेने की सलाह दी है.
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