How different are Islamic revolutionary guards from Iran regular military are they more powerful than iranian army

बीते कुछ समय से चल रहे तनाव की वजह से आशंका जताई जा रही थी कि आखिरकार वो हो ही गया. शुक्रवार की सुबह इजराइल ने ईरान पर हमला कर दिया.इसके बाद ईरान ने भी पलटवार शुरू किया और जंग की शुरुआत हो गई. अब दोनों देश आमने-सामने से लड़ रहे हैं. इस दौरान इजराइल ने ईरान की सेना के प्रमुख और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स यानि (IRGC) के मुखिया और परमाणु वैज्ञानिकों को मार दिया है. आइए जान लेते हैं कि आखिर इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कौन होते हैं और ये ईरान की रेगुलर मिलिट्री से कितने अलग होते हैं.
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कौन हैं
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स या IRGC ईरान के प्रमुख सैन्य बलों में से एक है. इस देश की अपनी सेना, नौसेना, वायुसेना और खुफिया एजेंसी है. 1979 में हुई इस्लामी क्रांति के बाद इसे शिया मुस्लिम मौलवी शासम प्रणाली की रक्षा करने और रेगुलर सशस्त्र बलों को नियंत्रित करने के लिए स्थापित किया गया था. ये सीधे ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह अली खामेनेई को रिपोर्ट करता है. इनके पास कुल अनुमानित सैनिकों की संख्या 1,25,000 है.
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स का काम
IRGC के पास बासिज धार्मिक मिलिशिया की कमान है, जो कि मौलवियों के जरिए चलाए जाने वाले प्रतिष्ठान के प्रति वफादार और स्वयंसेवी अर्धसैनिक बल है. इसका इस्तेमाव विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए किया जाता है. इसके अलावा कुद्स फोर्स IRGC की विदेशी शाखा है. यह लेबनान से लेकर यमन, सीरिया और ईराक तक पूरे मिडिल ईस्ट में अपने सहयोगी मिलिशिया को प्रभावित करती है. हालांकि IRGC को अमेरिका ने आतंकी समूह घोषित कर रखा है.
ईरान की रेगुलर मिलिट्री
ईरान ने अपनी सेना को दो हिस्सों में बांट रखा है- एक है आर्टेश यानि कि नियमित बल और दूसरा है इस्लामिल रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स. आर्टेश पारंपरिक राष्ट्रीय रक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए जिम्मेदार है. इसमें थल सेना, नौसेना और एयरफोर्स है. आर्टेश करीब 3,50,000 कर्मियों के साथ पारंपरिक युद्ध क्षमताओं और सीमा सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है. आर्टेश नागरिक सरकार को रिपोर्ट करती है.
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