iran israel war news 37 Hours in the Sky Exploring the B-2 Bomber Deadly Features from the Inside

ईरान और इजरायल की जंग में अमेरिका ने रविवार 22 जून को एंट्री मारी. ईरान के 3 परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर अमेरिका ने B-2 बॉम्बर से हमला किया. अमेरिका ने ईरान पर किए गए इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन मिडनाइट-हैमर’ नाम दिया, जिसमें 125 से ज्यादा जेट्स शामिल थे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान पर हमला करने के लिए इन B-2 बॉम्बर ने 37 घंटे तक उड़ान भरी थी. भारतीय समयानुसार, 20 जून को 3 बजकर 30 मिनट के आसपास इन बॉम्बर ने अमेरिका के मिसौरी व्हाइट-मैन एयरफोर्स बेस से टेकऑफ किया था और 37 घंटे बिना रुके हवा में रिफ्यूल करवाते हुए ईरान की न्यूक्लियर साइट्स को हिट किया था. आइए आपको बताते हैं कि लगातार 37 घंटे की नॉनस्टॉप उड़ान भरने वाले इस B-2 बॉम्बर में क्या खासियत हैं?
अत्याधुनिक तकनीक से लैस
ईरान को कन्फ्यूज करने के लिए दो रास्तों से इन बॉम्बर ने उडान भरी. 37 घंटे की नॉनस्टॉप उड़ान भरने वाला B-2 Spirit Stealth Bomber अमेरिकी वायुसेना का ऐसा गुप्त और शक्तिशाली विमान है, जो न सिर्फ दुश्मन के सबसे सुरक्षित ठिकानों पर हमला कर सकता है, बल्कि उसे रडार पर पकड़ा भी नहीं जा सकता है. यह विमान इतनी तकनीकी और सामरिक खासियतों से लैस है कि इसे उड़ता हुआ किला कह सकते हैं. B-2 का डिजाइन रडार-एवॉइडेंस तकनीक पर आधारित है. इसकी सतह पर खास कोटिंग और कोणीय डिजाइन हैं, जो इसे दुश्मन के रडार से छुपा देते हैं. ये अमेरिका का ऐसा बमवर्षक है, जो परमाणु हथियार लेकर दुश्मन की सीमा में घुस सकता है.
विमान के अंदर सुविधाएं
इस विमान में कुछ खास सुविधाएं भी मौजूद हैं, जिनमें मिनी फ्रिज, माइक्रोवेव ओवन, स्लीपिंग एरिया और टॉयलेट आदि शामिल हैं. इससे यह पायलटों के मानसिक और शारीरिक संतुलन को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है. अगर खाने-पीने की बात करें तो विमान में कैंडी बार, अनाज, सैंडविच, दूध और पेय पदार्थ भी रखे जाते हैं. इसमें हवा में रिफ्यूलिंग की सुविधा है, जिसे इन-फ्लाइट रिफ्यूलिंग के नाम से जाना जाता है. इस तकनीक की सहायता से यह विमान बिना रुके हजारों किलोमीटर की उड़ान भरकर दुश्मनों को तबाह करने की काबिलियत रखता है. इस विमान में एक बार में करीब 18 हजार किलोग्राम तक के वजन के हथियारों को ले जा सकते हैं. इन्हीं सुविधाओं और आधुनिक तकनीक के चलते इसकी कीमत 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा है.
किन देशों के पास है स्टील्थ बॉम्बर?
वर्तमान समय में सिर्फ अमेरिका के पास ही स्टील्थ बॉम्बर है. रूस और चीन इस रेस में लगे हुए हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस साल 2027 तक अपना स्टील्थ बॉम्बर ऑपरेशन के लिए तैनात कर देगा. वहीं, चीन का स्टील्थ बॉम्बर बनाने का मिशन साल 2030 तक पूरा हो सकता है.
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