Is akhand bharat possible again know how long the legal process will be new parliament building akhand bharat

नए संसद भवन में अखंड भारत का चित्र लगाया गया है. जिस वजह से बीते कुछ दिन से हलचल मची हुई है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसे शेयर करते हुए लिखा कि संकल्प स्पष्ट है. जिसके बाद भाजपा की यूनिट्स और अनेक पदाधिकारियों ने भी इसे शेयर किया. देखते ही देशके यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. अब सवाल हो रहा है कि क्या सच में फिर से अखंड भारत बन सकता है. क्या भारत के पास ऐसा कोई प्लान है. हमारा नियम कानून इस मामले पर क्या कहता है चलिए जानते हैं.
क्या सच में बन सकता है अखंड भारत
अखंड भारत एक जटिल और विवादित विषय है. भारत की स्वतंत्रता से पहले और बाद में भी कई राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों के जरिए यह विचार उठाया गया है. लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कई सालों से सीमा विवाद है. ऐसे कई मुद्दों की वजह से अखंड भारत की संभावना तो कम है. जैसे कि भारत और पाकिस्तान के बीच अब हर तरीके के रिश्ते व्यापारिक और राजनयिक सब बंद हो चुके हैं. वहीं कश्मीर का मुद्दा भी अहम है, जो कि भारत और पाकिस्तान को प्रभावित करता है. अगर कभी भविष्य में भारत और पाकिस्तान के बीच की स्थिति सुधरने की गुंजाइश हुई तो भले ही अंखड भारत की संभावना हो सकती है, लेकिन पूर्णं रूप से यह नहीं कहा जा सकता है कि अखंड भारत बन ही सकता है.
जहां तक बजे भारत का डंका वही अखंड भारत
भारत का कानून है कि हम पहले खुद से किसी देश पर हमला नहीं करेंगे, लेकिन अगर कोई ऐसी हिमाकत करता है तो उसके दो कदम आगे बढ़कर मुंहतोड़ जवाब जरूर देंगे. भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में दुनिया में जाना जाता है. वह किसी भी सूरत में अपनी इस पहचान को नहीं खोना चाहेगा. यहां अभी भी स्वस्थ्य लोकतंत्र है, जहां कोई भी पीएम-सीएम पर सवाल उठा सकता है. दरअसल अखंड भारत एक सांस्कृतिक अवधारणा है, यह एक वैचारिक प्रभाव है, जिसे हमें बनाकर हमेशा रखना होगा. कभी भारत का हिस्सा रह चुके नेपाल, भूटान जैसे देश या फिर श्रीलंका, म्यांमार और कंबोडिया ये सब कभी भी अपनी पहचान नहीं खोना चाहेंगे. भारत अपने सांस्कृति प्रभाव को विश्व में मजबूत करने के लिए पाकिस्तान को छोड़कर हर छोटे-बड़े पड़ोसियों की मदद करता है. सभी के साथ सद्भावनापूर्ण विचार रखता है, यही तो अखंड भारत की पहचान है.
क्या है अखंड भारत को बनाने की कानूनी प्रक्रिया
अखंड भारत की कानूनी प्रक्रिया एक जटिल और विवादित विषय है. इसके लिए औपचारिक कानूनी प्रक्रिया की जरूरत होगी. कानूनी विशेषज्ञों की मानें तो अंतरराष्ट्रीय कानून और मौजूदा सीमा विवादों को देखते हुए इस प्रक्रिया में कई जटिलताएं आनी लाजमी हैं. इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समझौते, संविधान संशोधन, लोकमत संग्रह और कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा. अंत में अखंड भारत एक जटिल विषय है और इसे लागू कर पाना कठिन प्रक्रिया होगी.
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