israel iran war Iran Iraq War Death Toll How Many People Died in the Iran Iraq War

इजरायल और ईरान इस समय जंग के मुहाने पर खड़े हैं. अमेरिका भी लगातार इस युद्ध में कूदने की धमकी दे रहा है. ईरान की राजधानी तेहरान को खाली कराया जा रहा है, क्योंकि इजरायल लगातार ईरान के प्रमुख ठिकानों को मिसाइलों और ड्रोन से हिट कर रहा है. जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजरायल के कई शहरों पर मिसाइलों से हमला किया है. इस तनाव से इतर आज हम आपको ईरान और इराक की जंग के बारे में बताते हैं, जिसमें लाखों लोगों की मौत हो गई थी. जानते हैं इस जंग में क्या-क्या हुआ था और कितने लोग मारे गए थे?
ईरान और इराक का युद्ध
दुनिया में ऐसे कई जंग हुईं हैं, जिनकी छाप आज भी दिखाई देती है. इनमें से एक है इराक और ईरान के बीच हुई जंग. इस जंग ने मिडिल ईस्ट के इतिहास पर गहरी छाप छोड़ी. यह युद्ध 1980 से 1988 तक चला, जिसके छिड़ने की वजह राजनीतिक, धार्मिक और क्षेत्रीय वर्चस्व आदि थे. दरअसल, हुआ कुछ ऐसा था कि 1980 के दशक तक ईरान और इराक के बीच स्थिति काफी तनावपूर्ण हो चुकी थी. ऐसा लग रहा था कि दोनों देश कभी भी एक-दूसरे पर हमला कर सकते हैं. 22 सितंबर 1980 को इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन ने ईरान पर हमला करके युद्ध की शुरुआत कर दी. सद्दाम का मकसद उस समय ईरान में चल रही इस्लामिक क्रांति का फायदा उठाना और शत-अल-अरब नदी वाले इलाकों पर कब्जा जमाना था. हालांकि, सद्दाम के लिए यह इतना आसान नहीं था. इस युद्ध में करीब पांच लाख लोग मारे गए. हालांकि, कुछ रिपोर्ट में यह आंकड़ा 10 लाख बताया जाता है.
8 साल तक चला नरसंहार
दोनों देशों के बीच यह नरसंहार 8 साल तक चला, जिसकी वजह से इस युद्ध की तुलना विश्वयुद्ध से की जाती है. अनुमान है कि इस युद्ध के दौरान 200,000-240,000 ईरानी और 105,000-200,000 इराकी मारे गए. वहीं, करीब 10 लाख लोग प्रभावित हुए. इस युद्ध में कुछ ऐसा हुआ, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया. दरअसल, इराकियों ने ईरानी सैनिकों के विरुद्ध बेहद खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल किया, जिनमें मस्टर्ड गैस सबसे ज्यादा घातक थी. इस गैस की वजह से हजारों नागरिकों और सैनिकों की जान गई. लाखों लोग घायल और विस्थापित हुए. 1988 में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति जताई थी.
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